CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT HANUMAN SHABAR MANTRA

Considerations To Know About hanuman shabar mantra

Considerations To Know About hanuman shabar mantra

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राखो पाछे नरसिंह राखो जो कोई चल करे कपट

सर्व कार्य सिद्धि हनुमान शाबर मंत्र क्या है?

पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें। पांचवां साबर मंत्र

हनुमान शाबर मंत्र भगवान हनुमान की शक्ति और साहस का आह्वान करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मंत्रों का समूह है। इन मंत्रों का जाप करने से शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और बुद्धि प्राप्त होती है।

फ्रांस के भविष्‍यवक्ता मिशेल द नोस्त्रदाम, भारत के भविष्य वक्ता संद अच्युतानंद दास और बुल्गारिया की भविष्‍यवक्ता बाबा वेंगा की भष्यिवाणी तो सभी ने पढ़ी और सुनी होगी, लेकिन बहुत कम लोगों ने एक भविष्यवाणी पर ध्यान दिया होगा। इसके अलावा भी देश और विदेश के लोगों ने भी यह कहा है। आखिर वह भविष्वाणी क्या है?

उत्तर बांधों, दक्षिण बांधों, बांधों मरी मसानी,

इस शाबरी मंत्र साधना को अत्यंत दुर्लभ माना जाता है। इस मंत्र साधना को करने के लिए गुरु के मार्गदर्शन में ही आगे बढ़ना चाहिए, जिससे साधना में सफलता प्राप्त करना सरल होता है।

Hanuman is not just a mythological hero; He's a image of internal strength and divine guidance. Devotees feel that invoking Hanuman can deliver about braveness, defense, and steering, particularly in times of adversity.

ॐ पीर बजरंगी, राम-लखन के संगी, जहां-जहां जाय,

ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान, हाथ में लड्‍डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौनौ खंड का भू‍त, जाग जाग हड़मान (हनुमान) हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटाडग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला get more info आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।

नजर-गुजर देह बांधों रामदुहाई फेरों शब्द शाचा,

‘ॐ हं हनुमते नमः।’ – इस चमत्कारी मंत्र वाणी का जाप करने से व्यक्ति कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकता है।’ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।’ – यह हनुमान जी का एक शक्तिशाली रुद्र मंत्र है।

दकारादि श्री दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम्

“ॐ नमो हनुमते, रुद्रावताराय, भूत-प्रेत, पिशाच-ब्रह्मराक्षस-विनाशाय, महाबलाय, वीराय, चिरंजिविने श्री रामदूताय स्वाहा”

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